Bihar Rajyakarmi Shikshak का भी बढ़ेगी मुश्किल आसान नहीं होगी 4 लाख नियोजित शिक्षकों की राह, फेल हुए तो… Big Update
Bihar Rajyakarmi Shikshak: लंबे इंतजार और लड़ाई के बाद बिहार के करीब 4.75 लाख नियोजित शिक्षकों ने जीत हासिल की है. बिहार सरकार ने नियोजित शिक्षकों को राज्य कर्मचारी का दर्जा देने का फैसला किया है. 26 दिसंबर को हुई नीतीश कुमार की बैठक में यह अहम फैसला लिया गया है. इस बैठक में बिहार विद्यालय विशिष्ट शिक्षक नियमावली 2023 को मंजूरी दी गई है.
इसके आधार पर बिहार में कार्यरत शिक्षकों को सरल शब्दों में विशेष शिक्षक या स्थायी शिक्षक का दर्जा मिल जाएगा. नियोजित शिक्षकों के लिए यह किसी बड़ी जीत से कम नहीं है, लेकिन उनकी बाधाएं अभी खत्म नहीं हुई हैं, लेकिन उनकी राह और भी मुश्किल हो सकती है.
परीक्षा में फैल हुए थे तो नियोजित शिक्षकों का क्या होगा?
अगर कोई शिक्षक विशेष अध्यापक नियमावली के तहत इसके बाद भी नियम-4 के तहत Bihar Rajyakarmi Shikshak पात्रता परीक्षा में शामिल नहीं होने या उत्तीर्ण न होने वाले स्थानीय निकाय शिक्षक ‘स्थानीय निकाय’ शिक्षक बने रहेंगे।
विशेष शिक्षक को क्या-क्या सुविधाएं मिलेंगी?
Bihar Rajyakarmi Shikshak पात्रता परीक्षा पास करने वाले नियोजित शिक्षक सहायक शिक्षक कहलाएंगे। उन्हें राज्य कर्मचारी का दर्जा मिलेगा लेकिन वेतन में कोई बदलाव नहीं होगा। हालांकि, सरकार विशेष शिक्षक की श्रेणी को पदोन्नत करेगी। कक्षा 1 से 11 और 12 के विशेष शिक्षकों को 8 साल में पदोन्नत किया जाएगा।
17 से 18 वर्ष तक की आयु के कार्यरत शिक्षकों को भी वरीयता का लाभ मिल सकता है। हालांकि प्रमोशन के दौरान आपका काम और काबिलियत भी देखने को मिलेगी। इसके अलावा परीक्षा पास करने वाले नियोजित शिक्षक अपने मनपसंद जिले के तीन विकल्प सरकार को बता सकते हैं, जिसमें से एक जिले का चयन सरकार द्वारा शिक्षकों के लिए किया जाएगा.
वेतन पर भी होगा असर
सभी नियोजित शिक्षकों को Bihar Rajyakarmi Shikshak का दर्जा दिया जाएगा, लेकिन फिलहाल समान वेतन मिलना मुश्किल है. 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने समान काम-समान वेतन की याचिका खारिज कर दी थी. राज्य के चार लाख नियोजित शिक्षकों का वेतन 35 से 40 हजार होने के कारण सरकार आगे नहीं बढ़ सकी और सरकार इस अतिरिक्त खर्च को वहन नहीं कर सकी।
केंद्र की ओर से पेश अटॉर्नी जनरल वेणु गोपाल ने शीर्ष अदालत से कहा था कि केंद्र सरकार के लिए समान वेतन देकर 1.36 लाख करोड़ रुपये का अतिरिक्त खर्च वहन करना संभव नहीं है। राज्य सरकार के वकील ने भी इस बात को स्वीकार किया। अब बिहार सरकार के ताजा फैसले से नियोजित शिक्षकों के सिर से नौकरी जाने की तलवार हट गई है, लेकिन समान वेतन का इंतजार और भी ज्यादा होगा.
विशिष्ट शिक्षकों को 8 साल के प्रमोशन की सुविधा
बिहार के स्पेशल एजुकेटर्स को आठ साल में प्रमोशन मिलेगा। प्राथमिक (कक्षा 1 से 5) के विशेष शिक्षक आठ साल बाद मिडिल स्कूल (कक्षा 6 से 8) बन जाएंगे। इसके साथ ही मिडिल स्कूल के विशेष शिक्षक आठ साल बाद उसी स्कूल के सीनियर स्पेशल टीचर बनेंगे। बिहार विद्यालय विशेष शिक्षक नियमावली, 2023 में इस पर विस्तार से चर्चा की गई है।
इसी तरह माध्यमिक (कक्षा 9 से 10) के Bihar Rajyakarmi Shikshak आठ साल बाद उच्च माध्यमिक विद्यालय (कक्षा 11-12) तक विशेष शिक्षक बनेंगे। इसके साथ ही हायर सेकंडरी के Bihar Rajyakarmi Shikshak आठ साल बाद उसी कक्षा के वरिष्ठ विशेष शिक्षक होंगे। नियमावली में यह भी कहा गया है कि उच्च स्तर के स्कूलों में पदोन्नति उपलब्ध रिक्तियों के अनुसार की जाएगी।
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